हैकर्स ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की वेबसाइट को सोमवार रात हैक कर लिया।
वेबसाइट http://www.upsc.gov.in/ के होमपेज पर जाने पर एक कार्टून कैरेक्टर डोरेमॉन की तस्वीर लगी दिख रही थी, जिस पर लिखा था, ‘डोरेमॉन!!! फोन उठाओ.’ इस पेज के निचले हिस्से में ‘आई.एम. स्ट्यूपीड’ (I.M. STEWPEED) लिखा था और साथ ही बैकग्राउंड में इस कार्टून सीरियल का टाइटल ट्रैक बज रहा था। वहीं दूसरी ओर आधार की साइट को भी हैक किए जाने की खबर है।
2500 रुपये के सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार हो सकता है नया आधार कार्ड
आधार कार्ड की सुरक्षा को लेकर देश में काफी समय से विवाद चल रहा है। कुछ दिनों पहले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा है कि वह आधार के लिए फेस रिकॉग्निशन तकनीक (चेहरा पहचानने) पर काम कर रही है और इसी बीच एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि आधार के सॉफ्टवेयर को हैक कर लिया गया है।
व्हाट्सएप पर बेचा जा रहा है सॉफ्टवेयर
रिपोर्ट में हफिंगटनपोस्ट डॉट इन ने दावा किया है कि आधार कार्ड का सॉफ्टवेयर हैक किया जा चुका है और भारत के करीब एक अरब लोगों की निजी जानकारी दांव पर लगी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आधार कार्ड के सॉफ्टवेयर एक लूपहोल (गड़बड़ी) है, जिसकी मदद से एक सॉफ्टवेयर के जरिए दुनिया के किसी भी कोने में बैठा व्यक्ति किसी के भी नाम से वास्तविक आधार कार्ड बना सकता है।
इस सॉफ्टवेयर की कीमत सिर्फ 2,500 रुपये है। हफिंगटनपोस्ट डॉट इन का दावा कि उसने तीन महीने की जांच के बाद इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में दुनियाभर के पांच विशेषज्ञों की मदद ली गई है। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अभी भी इस सॉफ्टवेयर का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। दरअसल, इस सॉफ्टवेयर की मदद से आधार की सिक्योरिटी फीचर को बंद किया जा सकता है और नया आधार तैयार किया जा सकता है।
आधार कार्ड को हैक करने वाला यह सॉफ्टवेयर 2,500 रुपये में व्हाट्सएप पर बेचा जा रहा है। साथ ही यूट्यूब पर भी कई वीडियो मौजूद हैं, जिनमें एक कोड के जरिए किसी के भी आधार कार्ड से छेड़छाड़ हो सकती है और नया आधार कार्ड बनाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का फैसला छह माह में आ सकता है, यह उम्मीद जताई है विहिप के नवनिर्वाचित अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने।
अध्यक्ष चुने जाने के बाद पहली बार रामनगरी पहुंचे कोकजे रामघाट स्थित रामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला में मीडिया से मुखातिब थे।
उन्होंने कहा, मंदिर-मस्जिद का अदालती विवाद अंतिम चरण में है और अदालत जिस तरह की तत्परता बरत रही है, उससे यह नहीं लगता कि फैसले के लिए अधिक दिनों तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। विहिप अध्यक्ष ने भरोसा जताया कि अदालत का फैसला मंदिर के हक में आएगा। उन्होंने कहा, फैसले के बाद क्या करना होगा, इसके लिए अभी से व्याकुल होने की आवश्यकता नहीं है और आगे की दिशा निर्णय आने के बाद तय की जाएगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, प्रकरण अदालत में लंबित है और अदालत जिस तरह से इस मसले को संज्ञान में ले रही है, उससे मंदिर के लिए संसद में कानून बनाने की सोचना उचित नहीं है, क्योंकि कानून बनाने के बाद भी इसे अदालत में चुनौती मिल सकती है और मसला पुन: अदालत के हवाले हो सकता है। उन्होंने अदालत के फैसले से बचने की कोशिश करने वालों को यह सीख भी दी कि हम यह क्यों सोचें कि अदालत का फैसला मंदिर के हक में नहीं आएगा।
हाईकोर्ट पहले ही रामलला के पक्ष में निर्णय कर चुका है। कोकजे ने बताया, विहिप अदालती लड़ाई को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और पैरवी के लिए अच्छे से अच्छे वकील लगाए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और कहा, ङ्क्षहदुओं के निकट मोदी जैसा कोई अन्य प्रधानमंत्री नहीं रहा है।
इस मौके पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, उपाध्यक्ष चंपत राय, प्रबंध समिति के सदस्य दिनेशचंद्र, पुरुषोत्तमनारायण सिंह, राजेंद्र सिंह पंकज, प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा, सुभाषचंद्र बोस राष्ट्रीय विचार केंद्र के अध्यक्ष शक्ति सिंह आदि मंदिर समर्थक मौजूद रहे।
शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट को किसी ने हैक कर लिया है। वेबसाइट के होम पेज पर चीनी अक्षर दिखाई दे रहा है। वेबसाइट को खोलने करने पर मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस (अंग्रेजी में) और हिंदी में रक्षा मंत्रालय लिखा दिख रहा है। इस घटना के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, उचित कदम उठाए जा रहे हैं। वेबसाइट को जल्द ही चालू किया जाएगा। आने वाले समय में हर संभावित कदम उठाए जाएंगे ताकि इस तरह की चीजों को होने से रोका जाए।
अधिकारियों ने बताया कि वेबसाइट पर चीनी अक्षर नजर आये जो इस बात का संकेत है कि चीनी हैकर उसमें शामिल हो सकते हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ” मामले पर हमारी पैनी नजर है। राष्ट्रीय सूचना केंद्र उसे बहाल करने का प्रयास कर रहा है।यह केंद्र वेबसाइट का रखरखाव करता है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि चीनी हैकर इस वेबसाइट को बिगाड़ने में शामिल हो सकते हैं।
Nirmala Sitharaman(Twitter)
✔@nsitharaman
Action is initiated after the hacking of MoD website ( http://mod.nic.in ). The website shall be restored shortly. Needless to say, every possible step required to prevent any such eventuality in the future will be taken. @DefenceMinIndia@PIB_India@PIBHindi
बता दें कि खबर लिखे जाने तक साइट नहीं खुल रही है। भारतीय रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट https://mod.gov.in है। शुक्रवार शाम करीब 4.30 बजे रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट हैक होने की खबर सामने आई। चीनी कैरक्टर दिखने से तरह-तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
नेपाल की राजधानी काठमांडू में त्रिभुवन एयरपोर्ट पर सोमवार को हुए विमान हादसे में 49 लोग मारे गए.
ये हादसा बांग्लादेश की निजी एयरलाइन ‘यूएस-बांग्ला’ के एक विमान के एयरपोर्ट पर हुई क्रैश लैंडिंग की वजह से हुआ.
हादसे की वजह जानने के लिए जांच शुरू होने से पहले आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं.
हादसे के लिए नेपाल एयरपोर्ट अथॉरिटी और यूएस बांग्ला एयरलाइंस एक-दूसरे को ज़िम्मेदार बता रहे हैं. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के मद्देनज़र जिस एक शख़्स की तरफ सबकी निगाहें जा रही हैं, वो हैं दुर्घटनाग्रस्त विमान से ज़िंदा बच निकले पायलट आबिद हसन.
इमेज कॉपीरइटAFP
किस बात को लेकर खींचतान?
यूएस बांग्ला एयरलाइंस का कहना है कि फ्लाइट के पायलट ने किसी तरह की कोई ग़लती नहीं की, नेपाल के एयरपोर्ट ट्रैफिक कंट्रोल यानी एटीसी से मिली जानकारी के आधार पर ही पायलट ने विमान लैंड करवाने की कोशिश की.
लेकिन नेपाल एयरपोर्ट ट्रैफिक कंट्रोल इस हादसे के लिए पायलट आबिद को ज़िम्मेदार बता रहा है.
एयरपोर्ट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के डायरेक्टर जनरल संजीव गौतम ने कहा, “विमान को एयरपोर्ट के दक्षिण से रनवे पर उतरने की इजाज़त दी गई थी. लेकिन विमान उत्तर की तरफ से रनवे पर उतरा. क्योंकि विमान की असामान्य लैंडिंग हुई है, ऐसे में अभी ज़्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता.”
इमेज कॉपीरइटAFP
विमान हादसा: पायलट और ट्रैफिक कंट्रोल की बातचीत
ढाका में यूएस बांग्ला एयरलाइंस के सीईओ आसिफ़ इमरान ने हादसे के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
आसिफ इमरान ने कहा, “हादसे से पहले विमान पायलट और काठमांडू एयर ट्रैफिक कंट्रोल की बातचीत की एक क्लिप मिली है. ये क्लिप यू-ट्यूब पर भी उपलब्ध है.
एयरपोर्ट ट्रैफिक कंट्रोल की तरफ से पायलट को गलत संदेश दिए गए, जिसके चलते ये एक्सीडेंट हुआ है. कंट्रोलर की तरफ से गड़बड़ी की गई.
तीन मिनट के भीतर ट्रैफिक कंट्रोल की तरफ से कई मैसेज पायलट को दिए गए. मुझे लगता है कि इन मैसेज के चलते पायलट उलझन में आ गया. ये भी हादसे की वजह हो सकती है.
पायलट को गलत दिशा में रनवे से घुसने के लिए कहा गया था.”
कुछ चश्मदीदों के अलावा नेपाल मीडिया का भी कहना है कि हादसे से पहले विमान सामान्य तरीके से रनवे की तरफ नहीं आता दिखा था.
इमेज कॉपीरइटAFP
क्या पायलट से हुई ग़लती?
अब तक मिली जानकारी की मानें तो हादसे की वजह ट्रैफिक कंट्रोल और पायलट के बीच बेहतर संवाद न होना हो सकती है.
यूएस बांग्ला की तरफ से हादसे के लिए पायलट के दोषी नहीं होने की बात कही जा रही है.
इमेज कॉपीरइटAFP
आसिफ़ इमरान कहते हैं, ‘कैप्टन आबिद हसन ज़िंदा हैं. वो इससे पहले एयरफोर्स में थे. इससे पहले वो इंस्ट्रक्टर थे. हमने अब तक ट्रैफिक कंट्रोल और पायलट की जो बात सुनी है, हमें नहीं लगता कि पायलट ने कोई ग़लती की है. अगर आप भी वो बातचीत सुनेंगे, तो आप भी यही कहेंगे.’
बांग्लादेश सिविल एविएशन अथॉरिटी के चेयरमैन नईम हसन ने हादसे के बाद तीन सदस्यों की कमेटी बना दी है. ये टीम जल्द ही काठमांडू में जांच शुरू करेगी.
दुर्घटनाग्रस्त विमान हादसे के वक्त अचानक कितने नीचे आ गया था, इसकी एक झलक फ्लाइट रडार 24 के शेयर किए हुए ग्राफ से मिलती है.
फ्लाइट रडार 24 लिखता है, ‘ग्राफ से पता चलता है कि क़रीब 8 बजकर 26 मिनट पर विमान 4400 फीट की ऊंचाई पर आ गया और फ़िर 6600 फीट की ऊंचाई तक गया. और फ़िर क़रीब आठ बजकर 33 मिनट पर क्रैश हो गया.’
इमेज कॉपीरइटTWITTER
हादसे के बाद विमान से ब्लैक बॉक्स को भी बरामद कर लिया गया है. ब्लैक बॉक्स के खुलने के बाद ही हादसे की सही वजह पता चल सकती है.
त्रिपुरा विधानसभा चुनावों के रुझानों में बीजेपी को भारी बढ़त. 25 साल से है लेफ्ट की सरकार.
मेघालय में रुझानों में कांग्रेस को बढ़त. राज्य में अभी है कांग्रेस की सरकार.
नागालैंड में बीजेपी गठबंधन और नगा पीपुल्स फ्रंट में कांटे का मुकाबला.
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में हुए विधानसभा चुनावों की मतगणना जारी है. त्रिपुरा विधानसभा में बीजेपी की कामयाबी के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस जीत के लिए जनता का धन्यवाद किया.
उन्होंने कहा कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिली है. साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में वामपंथी हिंसा में मारे गए बीजेपी के नौ कार्यकर्ताओं को यह जीत एक श्रद्धांजली है.
इमेज कॉपीरइटGETTY IMAGESImage captionबीजेपी अध्यक्ष ने त्रिपुरा की जीत को जनता की जीत बताया है
2013 के चुनावों की बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि उस समय पार्टी को 1.3 फ़ीसदी वोट मिले थे और एक सीट छोड़कर सारे उम्मीदवारों की ज़मानत ज़ब्त हो गई थी. उन्होंने आगे कहा कि इस बार बीजेपी गठबंधन को 50 फ़ीसदी से अधिक वोट मिले हैं.
अमित शाह ने वामपंथी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “लेफ़्ट भारत के किसी भी हिस्से के लिए राइट नहीं है.”
मेघालय के चुनाव परिणामों को अमित शाह ने त्रिशंकु बताया है. उन्होंने संकेत दिए हैं कि जहां विधयाक बीजेपी के साथ होंगे वहां उनकी पार्टी की सरकार बनेगी. बीजेपी के गोल्डन पीरियड पर अमित शाह ने कहा कि वह कर्नाटक, केरल, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार बनने के बाद आएगा.
त्रिपुरा
त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 292 उम्मीदवार हैं, जिनमें 23 महिलाएं हैं. त्रिपुरा की 59 सीटों पर वोटिंग हुई है.
राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से 59 पर मतगणना हो रही है. चारीलाम सीट से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देबर्मा के निधन की वजह से इस सीट पर 12 मार्च को मतदान होगा.
Image captionमाणिक सरकार
त्रिपुरा में साल 1993 से ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा की सरकार रही है और पिछले 20 सालों से राज्य की बागडोर मुख्यमंत्री माणिक सरकार के हाथों में है. हालांकि इस बार शुरुआती रुझानों में इस बार बीजेपी माकपा को टक्कर देती दिख रही है. यहां बीजेपी ने क्षेत्रीय दल इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन किया है.
2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने त्रिपुरा में 50 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 49 की जमानत जब्त हो गई थी. तब बीजेपी को यहां केवल 1.87 फ़ीसदी वोट मिले थे और वो एक भी सीट नहीं जीत सकी थी. वहीं माकपा को 49 सीटें मिली थीं जबकि कांग्रेस को 10 सीटों से संतोष करना पड़ा था.
नागालैंड
नागालैंड में 59 सीटों के लिए हुए चुनाव में 193 उम्मीदवार मैदान में हैं.
नगालैंड में बीजेपी इस बार नवगठित नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ गठबंधन कर चुनावी अखाड़े में उतरी. बीजेपी ने 20 जबकि एनडीपीपी ने 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे.
विलियमनगर सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के उम्मीदवार जोनाथन संगमा की 18 फरवरी को ईस्ट गारो हिल्स जिले में आईईडी विस्फोट में मौत के बाद इस सीट पर मतदान रद्द कर दिया गया.
कांग्रेस राज्य पर एक दशक से राज कर रही है. पार्टी ने इस बार भी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे.
कांग्रेस ने 2013 चुनाव में 29 सीटें हासिल की थी. राज्य के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा इस बार दो विधानसभाओं अमपाती और सोंगसक से चुनाव में उतरे और दोनों ही सीटें उन्होंने जीत लीं.
इमेज कॉपीरइटDILEEP SHARMA-BBC
मेघालय
मेघालय विधानसभा की 59 सीटों के लिए 372 उम्मीदवार मैदान में हैं.
मेघालय में इस बार 84 फ़ीसदी मतदान हुआ है. सत्तारूढ़ कांग्रेस के अलावा बीजेपी, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और नवगठित पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट मुकाबले में है.
साल 2013 के चुनाव में भाजपा ने इस राज्य में 13 उम्मीदवार उतारे थे, मगर कोई जीत न सका था. एनपीपी को 32 में से मात्र दो सीटें मिली थीं.
इमेज कॉपीरइटDEBALIN ROY/BBC
सभी राज्यों में मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू हुई. त्रिपुरा में 18 फ़रवरी को वोट डाले गए थे, जबकि मेघालय और नगालैंड में 27 फ़रवरी को मतदान हुआ था.
तीनों राज्यों में कुल 857 उम्मीदवारों की किस्मत का फ़ैसला होना है.
इन राज्यों में सबसे ज्यादा नज़रें त्रिपुरा पर टिकी हैं, जहां पिछले 25 सालों से वाम दलों का शासन है. केरल के अलावा लेफ्ट की सरकार बस इसी राज्य में है. अगर त्रिपुरा में वामपंथियों की हार होती है तो उनके लिए यहां एक युग का अंत हो जाएगा.